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समाज सुधार और अवाम को दीन की ओर लाना ओलेमा ए किराम की पहली ज़िम्मेदारी

 


 जमीयत फरोग़े तालीम को जमीयत अहले हदीस के साथ विलय कर दिया गया


मदरसा निजामिया इलाहिया गलगलिया पुल में जमीयत फरोग़े तालीम और जमीयत अहले हदीस की मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें इलाके के बा असर उलेमा ए किराम एवं दानिशवरान ने उपस्थिति दर्ज कराई जिनमें शैख सिराजुद्दीन शम्सी, शैख जमालुद्दीन आलियावी, शैख उबैदुर रहमान मोहम्मदी, शैख अब्दुल करीम मोहम्मदी, शैख इसहाक हक्कानी, शैख तस्लीमुद्दीन नदवी, शैख अलाउद्दीन फैज़ी, शैख अब्दुल खालिक सल्फी, शैख अख्तर हुसैन बुखारी, हाफिज शाहनवाज़ बुखारी, शैख असरारुल हक़ सल्फी, शैख अब्दुल खबीर, शैख जहांगीर बुखारी, शैख यूसुफ जामई, शैख अज़हर शैख़ फरीज़ुल हक, हाफिज असलम, मौलवी फैजुद्दीन मिफताही, मास्टर अलाउद्दीन धोबीडांगा के नाम उल्लेखनीय हैं। इनके अलावा शैख जैनुल आबेदीन सनाबली और शैख अब्दुल करीम जामई भी खास तौर पर शरीक रहे। 

मीटिंग में सभी के मशवरे से जमीयत फरोग़े तालीम को जमीयत अहले हदीस के साथ विलय कर दिया गया। 


जमीयत अहले हदीस ठाकुरगंज एवं पोठिया ब्लॉक की एक यूनिट बनाई गई जिसके लिए शैख सिराजुद्दीन शम्सी को सरपरस्ते आला बनाया गया इनके अलावा अलाउद्दीन फैजी को अध्यक्ष शैख उबैदुर रहमान को उपाध्यक्ष, शैख अब्दुल करीम जामी को नाज़िम, शैख जमालुद्दीन आलियावी को नायब नाज़िम, शैख मंजूर आलम बीरपुर को कोषाध्यक्ष और अब्दुल खबीर बीरपुर को सहायक कोषाध्यक्ष घोषित किया गया। 

मीटिंग में यह बात भी आई कि इलाके में समाज सुधार के काम की आवश्यकता है इस ओर उलेमाए किराम को खासतौर पर ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है। अतिथि गण ने कहा कि इसला हे मुआशरा और अवाम को दीन की ओर लाना उलेमा ए किराम की पहली ज़िम्मेदारी है ।।

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