किशनगंज (प्रेस विज्ञप्ति):
5 जून 2025, गुरुवार को दिन के 11:00 बजे, चकला किशनगंज स्थित ओरेकल इंटरनेशनल स्कूल में ‘मजलिस-ए-शेरो-अदब’ के ज़ेरे एहतेमाम एक शानदार पुरस्कार वितरण समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस साहित्यिक कार्यक्रम में किशनगंज एवं आस-पास के क्षेत्र के नामी शायरों, लेखकों, शिक्षकों और साहित्य प्रेमियों की भागीदारी अपेक्षित है।
इस अदबी महफ़िल की सदारत ओरेकल इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर जनाब सफीरुद्दीन राही फ़रमाएँगे और संचालन की ज़िम्मेदारी प्रसिद्ध शायर व नाज़िम-ए-मुशायरा जनाब जहांगीर नायाब (बहादुरगंज) निभाएँगे।
इस अवसर पर दो विशिष्ट साहित्यकारों को उनकी सेवाओं के सम्मान में पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा:
मौलवी मोहम्मद सुलेमान लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड – यह सम्मान वरिष्ठ दीनदार, शिक्षाविद एवं लेखक जनाब हाज़िम हस्सान (बहादुरगंज) को उनकी पचास वर्षों से अधिक की अदबी, इल्मी और मज़हबी सेवाओं के ऐतिराफ़ में दिया जाएगा।
मौलाना ईसा फर्ताब अवार्ड बराए शायरी – यह पुरस्कार युवा, विचारशील एवं उभरते हुए शायर जनाब मुस्तहसन अज़्म (गाछपाड़ा, किशनगंज) को उनके संजीदा और मोहक काव्य शिल्प के लिए दिया जाएगा।
प्रसिद्ध शोधकर्ता और साहित्यकार डॉ. क़सीम अख़्तर ने इस आयोजन को लेकर कहा: "मजलिस-ए-शेरो-अदब का यह क़दम नई पीढ़ी को साहित्यिक विरासत से जोड़ने और शायरी की रिवायत को ज़िंदा रखने की खूबसूरत कोशिश है। ये पुरस्कार न सिर्फ़ हौसला अफ़ज़ाई का ज़रिया हैं, बल्कि हमारे अदबी सरमाए का एतराफ़ भी हैं।"
मौलाना आफ़ताब अज़हर सिद्दीक़ी ने कहा:
"अदब समाज का आईना होता है। ऐसे मौक़े हमें याद दिलाते हैं कि हमें अपनी ज़बान, तहज़ीब और तख़लीकी शऊर की हिफ़ाज़त करनी है। मजलिस-ए-शेरो-अदब की यह कोशिश क़ाबिले-तारीफ़ है।"
कार्यक्रम के नाज़िम जनाब जहांगीर नायाब ने कहा: "हमारी कोशिश है कि किशनगंज को अदबी तौर पर एक ज़िंदा, सरगर्म और रोशन पहचान दी जाए। शायरों को मंच देकर हम अपने अतीत से रिश्ता मज़बूत कर रहे हैं और मुस्तक़बिल की बुनियाद रख रहे हैं।"
यह अदबी महफ़िल साहित्यिक ज़ेहन और सामाजिक रिश्तों को मज़बूती देने वाली एक यादगार मिसाल साबित होगी।
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