छत्तरगढ़ के युवाओं द्वारा छत्तरगाछ रेफरल अस्पताल के सामने आज धरना प्रदर्शन देखने को मिला जिसका उद्देश्य था कि छत्तरगाछ रेफरल अस्पताल में ज़रूरी सुविधाएं दी जाएं। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि हस्पताल में पद स्थापित डॉक्टरों की बहाली की जाए मैनेजर अकाउंटेंट और प्रभारी को बहाल किया जाए और अस्पताल की जर्जर हालत एवं लचर व्यवस्था को सुधारा जाए।
प्रदर्शनकारियों ने एमपी एमएलए और जिला पार्षद के विरोध में भी नारे लगाए और अपने ग़म व गुस्से का प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों की मांगें :
(1) अस्पताल की बिल्डिंग की मरम्मत कराई जाए।
(2) पद स्थापित डॉक्टर और नर्स को नियुक्त किया जाए।
(3) अस्पताल के लिए रेगुलर प्रभारी को नियुक्त किया जाए।
(4) मैनेजर को नियुक्त किया जाए
(5) अकाउंटेंट की नियुक्ति हो।
क्या है मरीजों की शिकायतें :
धरना प्रदर्शन में शामिल कई महिलाओं ने बताया की 6 महीने 1 साल और डेढ़ साल से उन्हें लाभार्थी का पैसा नहीं मिला है।
परवेज आलम ने बताया कि अस्पताल में मरीज़ों से पैसा लेकर इलाज किया जाता है और उन्हें अधिकतर बाहर की दवाई लिख कर दी जाती है।
इश्तियाक आलम ने कहा कि छत्तरगाछ रेफरल अस्पताल में आने वाला हर मरीज मायूस होकर जाता है इसलिए कि कभी तो उसको डॉक्टर नहीं मिलता और कभी दवाई नहीं मिलती।
आफताब अज़हर सिद्दीक़ी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों की खराब हालत के जिम्मेदार यहां के विधायक सांसद जिला पार्षद और अन्य प्रतिनिधि हैं जिनकी लापरवाही और अनदेखी के कारण लोगों को परेशानी होती है।
प्रदर्शनकारियों में नज़रुल इस्लाम, मोहम्मद नासिर, जाबिर आलम, मोहम्मद अखलाक, बिट्टू, सरफराज, शब्बीर आलम, इश्तियाक आलम, मुरसलीन आलम, अब्दुल वाहिद, शाकिर, खलील, शमशाद व अन्य लोग शामिल रहे।
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