1. **मैं तुमसे कोई ऐसी बड़ी उम्मीद नहीं रखूंगा जो मैं खुद तुम्हारे लिए नहीं कर सकूं**: अगर मैं चाहता हूं कि तुम मेरे माता-पिता को अपने माता-पिता जैसा सम्मान दो, तो मैं खुद पहले आगे बढ़कर तुम्हारे माता-पिता को भरपूर सम्मान और स्थान दूंगा। अगर मेरी इच्छा है कि तुम खुद को अस्वस्थ न होने दो, तो मैं भी अपनी फिटनेस को बनाए रखने की कोशिश करूंगा।
2. **हम दूसरे घरों या रिश्तेदारों से अच्छी बातें जरूर सीखेंगे, लेकिन उनके पारिवारिक माहौल को पूरी तरह से अपना नहीं बनाएंगे**: फिर चाहे वह मेरे माता-पिता, बहन-भाई का घर हो या तुम्हारे माता-पिता, बहन-भाई का घर। अपने घर का माहौल और स्वभाव हम खुद अनोखे अंदाज में बनाएंगे।
3. **हर व्यक्ति में विभिन्न क्षमताएं होती हैं**: हम अपनी संभावित संतान की व्यक्तिगत क्षमताओं को ध्यान में रखकर उसकी परवरिश करेंगे। किसी और की संतान को उदाहरण बनाकर अपनी संतान की अलग पहचान को खराब नहीं करेंगे। फिर चाहे वे मेरे भतीजे-भांजे हों या तुम्हारे।
4. **अगर झगड़ा हो जाए तो चाहे हम एक दूसरे पर गुस्सा हों, लेकिन कभी भी गुस्से में एक दूसरे के घर वालों, विशेषकर माता-पिता को गाली नहीं देंगे और न ही कभी हाथ उठाएंगे**।
5. **गलती चाहे किसी की भी हो, माफी मांगने में दोनों जल्दी करने की कोशिश करेंगे**: अहंकार को एक दिन से अधिक दीवार नहीं बनने देंगे। अगर एक माफी मांग ले तो दूसरा बिना कोई ताना दिए माफ कर दे। चाहे यह प्रक्रिया करोड़ों बार हो, लेकिन ऐसे ताने नहीं मारेंगे कि "सॉरी से कुछ नहीं होता"। बल्कि तुरंत माफी स्वीकार करें और दिल बड़ा करके खुद भी जवाबी माफी मांगें। ऐसे झगड़ों में गलती अक्सर दोनों की होती है, बस किसी की ज्यादा होती है तो किसी की कम।
अगर आप इन पांच नियमों को सचमुच अपना लेते हैं, तो खुशहाल और प्यार भरी वैवाहिक जिंदगी आपकी प्रतीक्षा कर रही है।
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