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*किशनगंज में बिजली व्यवस्था की स्थिति*


किशनगंज, बिहार में बिजली व्यवस्था की स्थिति अन्य हिस्सों की तरह ही चिंताजनक रही है, खासकर हाल के वर्षों में। हल्की बारिश, हवा, या मौसमी बदलाव के कारण बिजली कटौती की समस्या आम है, जैसा कि आपने अपने सवाल में जिक्र किया। किशनगंज के ग्रामीण और कुछ शहरी इलाकों में यह स्थिति और गंभीर हो जाती है, जहां बिजली आपूर्ति अनियमित है और कई बार घंटों या दिनों तक बहाल नहीं होती।

किशनगंज में बिजली व्यवस्था की वर्तमान स्थिति:
1. अनियमित बिजली आपूर्ति:
   - 2024 में मॉनसून की पहली बारिश के दौरान किशनगंज में बिजली व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई थी। ग्रामीण क्षेत्रों में 40-50 घंटे तक बिजली गायब रही। वज्रपात और तेज बारिश के कारण 250 से अधिक इंसुलेटर जल गए, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई। शहरी क्षेत्र कम प्रभावित हुए, लेकिन ग्रामीण इलाकों जैसे ठाकुरगंज, पोठिया, और टेढ़ागाछ में स्थिति बदतर थी।https://www.livehindustan.com/bihar/story-electricity-supply-halted-due-to-first-monsoon-rain-lights-out-for-forty-to-fifty-hours-10263039.html

   - टेढ़ागाछ प्रखंड में बिजली की आपूर्ति अररिया जिले से होती है, जिसके कारण समन्वय की कमी और तकनीकी समस्याएं बिजली कटौती को बढ़ाती हैं। कुछ गांवों में 10 दिन तक बिजली गुल रहने की शिकायतें मिली हैं।https://mainmedia.in/ground-report-on-electricity-crisis-in-tedhagachh-block

2. बुनियादी ढांचे की कमजोरी:
   - किशनगंज के कई इलाकों में बिजली के खंभे और तार पुराने और जर्जर हैं। टेढ़ागाछ के कुछ गांवों में बांस के खंभों पर बिजली तार टंगे हैं, जो आंधी-तूफान में टूट जाते हैं। ग्रामीणों को चंदा इकट्ठा कर खंभे ठीक करने पड़ते हैं।https://mainmedia.in/ground-report-on-electricity-crisis-in-tedhagachh-block

   - अपर्याप्त बिजली आपूर्ति भी एक बड़ी समस्या है। उदाहरण के लिए, कुछ फीडरों को 9 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है, लेकिन केवल आधी आपूर्ति हो पाती है।https://www.jagran.com/bihar/patna-city-power-crisis-and-long-power-cuts-plunge-bihar-into-chaos-people-protest-male-condemned-threat-for-legal-action-23521265.html

3. शिकायत निवारण में देरी:
   - उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान तुरंत नहीं होता। 2023 में टेढ़ागाछ के भोराह पंचायत में 10 दिन तक बिजली बाधित रही, और केवल मीडिया कवरेज के बाद ही आपूर्ति बहाल हुई।https://mainmedia.in/ground-report-on-electricity-crisis-in-tedhagachh-block

   - बिजली विभाग के अधिकारी अक्सर समस्याओं को नकारते हैं। एक उदाहरण में, किशनगंज के विद्युत अधीक्षण अभियंता ने दावा किया कि टेढ़ागाछ में कोई समस्या नहीं है, जबकि ग्रामीण 10 दिन से अंधेरे में थे।https://mainmedia.in/ground-report-on-electricity-crisis-in-tedhagachh-block

   - टोल-फ्री नंबर 1912 और अन्य शिकायत निवारण तंत्र मौजूद हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को अक्सर लंबा इंतजार करना पड़ता है या कोई जवाब नहीं मिलता।https://www.timesnowhindi.com/cities/patna-news/bihar-electricity-complaint-address-toll-free-customer-care-number-here-is-details-article-103986124

4. सामाजिक और आर्थिक प्रभाव:
   - बार-बार बिजली कटौती से बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की सेहत, और रोजमर्रा के काम प्रभावित होते हैं।https://x.com/MohdAbdullah550/status/1934268239254839798

   - पेयजल संकट भी बढ़ता है, क्योंकि बिजली के बिना बोरवेल और पंप काम नहीं करते।https://www.jagran.com/bihar/patna-city-power-crisis-and-long-power-cuts-plunge-bihar-into-chaos-people-protest-male-condemned-threat-for-legal-action-23521265.html

   - व्यवसाय और छोटे उद्योग भी प्रभावित होते हैं, जिससे आर्थिक नुकसान होता है।

सुधार के प्रयास:
- नए पावर ग्रिड: अररिया के पलासी में हाल ही में एक नया पावर ग्रिड शुरू किया गया है, जिससे टेढ़ागाछ जैसे क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, 2023 तक यह पूरी तरह चालू नहीं हुआ था।https://mainmedia.in/ground-report-on-electricity-crisis-in-tedhagachh-block

- बुनियादी ढांचे का विस्तार: बिहार सरकार और बिजली कंपनियां खंभे, ट्रांसफॉर्मर, और तारों के लिए 2200 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही हैं, खासकर किसानों को निर्बाध बिजली देने के लिए।https://www.livehindustan.com/tags/electricity-in-bihar

- ऊर्जा मंत्री का निर्देश: 2025 में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने अधिकारियों को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।https://www.livehindustan.com/tags/electricity-in-bihar

- सोलर योजना: नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (NBPDCL) ने पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत रूफटॉप सोलर पैनल लगाने की पहल शुरू की है, जो भविष्य में बिजली संकट को कम कर सकती है।https://www.nbpdcl.co.in/%28S%28cnbpxpdmfgddvy1ps4fiqzo5%29%29/frmhome.aspx

चुनौतियां और जवाबदेही:
- प्रशासनिक उदासीनता: बिजली विभाग और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय की कमी है। शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती, और उपभोक्ताओं को "धैर्य रखने" की सलाह दी जाती है।
- मौसमी प्रभाव: किशनगंज में मॉनसून के दौरान भारी बारिश (जैसे 2024 में 135.3 मिमी औसत बारिश) और वज्रपात बिजली ढांचे को नुकसान पहुंचाते हैं।https://www.livehindustan.com/bihar/story-electricity-supply-halted-due-to-first-monsoon-rain-lights-out-for-forty-to-fifty-hours-10263039.html

- राजनीतिक दावे vs हकीकत: सरकार दावा करती है कि शहरी क्षेत्रों में 23.6 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 22.2 घंटे बिजली उपलब्ध है, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। जनरेटर और इनवर्टर की बढ़ती बिक्री इसका सबूत है।https://x.com/itariqanwar/status/1821552476983840984

कब सुधरेगा सिस्टम?
बिहार की बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए कुछ कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन ये पर्याप्त नहीं हैं। किशनगंज जैसे क्षेत्रों में सुधार के लिए निम्नलिखित जरूरी हैं:
1. मजबूत बुनियादी ढांचा: जर्जर तारों, खंभों, और ट्रांसफॉर्मरों को तुरंत बदला जाए। बांस के खंभों की जगह स्थायी समाधान लागू हों।

2. तेज शिकायत निवारण: टोल-फ्री नंबर 1912 और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल (जैसे bijlipgr.gov.in को और प्रभावी बनाया जाए।https://bijlipgr.gov.in/show_content.php?lang=2&level=1&ls_id=129&lid=112

3. स्थानीय समन्वय: किशनगंज और अररिया जैसे जिलों के बीच बिजली आपूर्ति के लिए बेहतर समन्वय हो।

4. नवीकरणीय ऊर्जा: सोलर पैनल और अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली निर्भरता कम की जाए।

5. जवाबदेही: बिजली विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही तय हो, और लापरवाही पर कार्रवाई हो।


किशनगंज में बिजली व्यवस्था की स्थिति बिहार के अन्य हिस्सों से मिलती-जुलती है, जहां हल्की बारिश या हवा से बिजली गुल हो जाती है। टेढ़ागाछ जैसे क्षेत्रों में यह समस्या और गंभीर है। सरकार और बिजली विभाग के दावों के बावजूद, जमीनी स्तर पर सुधार धीमा है। उपभोक्ताओं की मांग जायज है कि बिजली एक बुनियादी जरूरत है, और इसके लिए तरसना पड़ना अन्यायपूर्ण है। सुधार के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाने होंगे, वरना "धैर्य बनाए रखें" का जवाब उपभोक्ताओं का गुस्सा बढ़ाएगा।https://x.com/MohdAbdullah550/status/1934268239254839798

अनुसंधान और प्रस्तुति :  आफताब अज़हर सिद्दीक़ी
प्रदेश महासचिव मजलिस अहरार (बिहार)
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