*अररिया, 28 दिसंबर (प्रेस विज्ञप्ति):*
अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह से किशनगंज के प्रमुख उलेमा ने एक विशेष मुलाकात की, जिसमें सीमांचल के विकास और महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस प्रतिनिधिमंडल में मुफ्ती अतहर जावेद कासमी (जिला परिषद प्रतिनिधि, किशनगंज), मौलाना शमीम रियाज़ नदवी (महरक मजलिस उलेमा-ए-मिल्लत), मौलाना आफ़ताब अज़हर सिद्दीकी (प्रांतीय महासचिव, मजलिस-ए-अहरार इस्लाम, बिहार), मौलाना अबू सईद और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
1. पौआखाली अंडरपास का शीघ्र निर्माण सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार और रेलवे अधिकारियों से वार्ता।
2. पौआखाली रेलवे स्टेशन का नाम "मौलाना असरारुल हक़ पौआखाली स्टेशन" रखने की मांग, ताकि मौलाना असरारुल हक़ कासमी की सेवाओं को सम्मानित किया जा सके।
उलेमा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सीमांचल के विकास के लिए सभी राजनीतिक नेताओं को पार्टी की राजनीति से ऊपर उठकर जनहित को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमांचल की पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सभी सांसदों और विधायकों को एकजुट होकर काम करना होगा।
प्रदीप सिंह ने उलेमा के विचारों और मांगों का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि वे इन मुद्दों को जल्द से जल्द संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के सामने उठाएंगे और उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, "सीमांचल का विकास मेरी प्राथमिकताओं में है, और मैं चाहता हूं कि यह क्षेत्र सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित हो।"
प्रदीप सिंह ने हाल ही में दिए गए अपने विवादित बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया, जिससे जनता में गलतफहमियां पैदा हुईं। उन्होंने कहा, "मैं हिंदू-मुस्लिम एकता का समर्थक हूं और किसी भी धर्म के बीच भेदभाव नहीं करता। मेरा कहना था कि लोग जाति और समुदाय के बंटवारे से ऊपर उठकर अपनी धार्मिक पहचान को प्राथमिकता दें।"
इस अवसर पर उलेमा ने जनता और राजनीतिक नेताओं से अपील की कि वे सीमांचल के विकास के लिए मिलकर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सीमांचल के मुद्दों के समाधान के लिए हम सभी राजनीतिक और सामाजिक नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और उनसे ठोस कदम उठाने की उम्मीद करते हैं।
यह मुलाकात न केवल सीमांचल की जनता की समस्याओं को उजागर करने का एक अवसर बनी, बल्कि विभिन्न वर्गों के बीच सामंजस्य और विकास के लिए सामूहिक प्रयासों का संदेश भी लेकर आई। उलेमा और सांसद प्रदीप सिंह ने इस संकल्प के साथ बैठक समाप्त की कि वे सीमांचल को एक विकसित क्षेत्र बनाने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाएंगे।
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