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रहमानी पब्लिक स्कूल किशनगंज में मजलिस-ए-शेर ओ अदब की मासिक बैठक का आयोजन



किशनगंज, 15 दिसंबर: (प्रेस विज्ञप्ति)  

आज रहमानी पब्लिक स्कूल किशनगंज में मजलिस-ए-शेर ओ अदब किशनगंज के तत्वावधान में मासिक शायरी और साहित्यिक बैठक का सफल आयोजन किया गया। इस बैठक में शहर के प्रतिष्ठित शायरों और साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया और अपनी रचनाओं और विचारों से महफिल को यादगार बना दिया।  


बैठक की अध्यक्षता प्रसिद्ध अकादमिक शख्सियत मौलाना सुहैल अख्तर नदवी ने की, जबकि संचालन का कार्य जहांगीर नायाब ने बड़ी खूबसूरती से अंजाम दिया। बैठक में शामिल शायरों ने अपने बेहतरीन और दिलकश कलाम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और साहित्य की सुंदरता को उजागर किया।  

शायरों में मुबीन अख्तर उमंग, जहांगीर नायाब, मौलाना आफताब अज़हर सिद्दीकी, मौलाना हसन अहसन क़ासमी, शाहिद कानपुरी, मुफ्ती मुनव्वर, क़ारी अब्दुल रज़ाक अतहर कासमी और अबुल मुफक्किर पैकर के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।  


बैठक के दौरान शायरी और साहित्य के महत्व और इसके सामाजिक व शैक्षिक योगदान पर भी चर्चा की गई। इस संबंध में मौलाना शमीम रियाज़ नदवी (मुहर्रिक मजलिस-ए-उलमा-ए-मिल्लत), मौलाना साजिद नदवी, मौलाना आसिफ कासमी और मास्टर अब्दुल वाहिद मुखलिस ने अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने साहित्य को समाज के निर्माण और विकास में एक महत्वपूर्ण घटक बताया और युवाओं को साहित्य से जुड़े रहने की सलाह दी।  


बैठक के दौरान पेश किए गए अशआर ने महफिल को चार चांद लगा दिए और श्रोताओं ने शायरों की रचनात्मकता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस मौके पर मजलिस-ए-शेर ओ अदब के सदस्यों ने इस तरह की बैठकों को नियमित रूप से आयोजित करने के अपने संकल्प को दोहराया ताकि क्षेत्र में शायरी और साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।  


बैठक के अंत में मौलाना आफताब अज़हर सिद्दीकी की पहली शायरी की किताब "नग्मात-ए-अज़हर" का डिजिटल विमोचन हुआ, जिस पर सभी साहित्य प्रेमियों ने उन्हें बधाई दी।  


अंत में, अध्यक्ष मौलाना सुहैल अख्तर नदवी ने सभी शायरों और श्रोताओं का धन्यवाद किया और साहित्य के महत्व को उजागर करते हुए दुआ के साथ महफिल का समापन किया।  

यह बैठक शायरी और साहित्य से प्रेम करने वालों के लिए एक यादगार अनुभव साबित हुई और श्रोताओं ने इस पहल की भरपूर सराहना की।

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